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...तो दरी-फट्टी ही बिछाते रहेंगे मूल भाजपाई!

2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ते हुए भाजपा को पानी पी-पीकर कोसने वाले दिनेश राय मुनमुन ने अपने मित्र संजय पाठक के प्रयासो से तत्कालीन प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह के समक्ष 03 मई 2018 को भाजपा की सदस्यता लिया था और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में सारे मूल भाजपाइयों को दरकिनार कर वह टिकिट ले आए। उस समय भारतीय जनता पार्टी के कई मूल भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी नाराज भी हुए लेकिन इसे उन्होंने संगठन का आदेश मानकर दिनेश राय मुनमुन के पक्ष में काम करना शुरू कर दिया जिसके चलते 2018 के विधानसभा चुनाव में दिनेश राय मुनमुन ने लगभग 22000 वोटो से चुनाव जीत लिया था।  चुनाव जीतने के बाद दिनेश राय मुनमुन और भारतीय जनता पार्टी के मूल भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के बीच दूरियां बढऩे लगी जिसके कारण 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्थापित नेता एकजुट हो गए और दिनेश राय मुनमुन के बजाए किसी मूल भाजपाई को टिकिट दिलाए जाने का  प्रयास करने लगे लेकिन दूसरी बार भी 5 साल के भीतर दिनेश राय मुनमुन दूसरी बार टिकट लाने में सफल हो गए जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के मूल भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के बीच यही चर्चा चल पड़ी है क्या भाजपा का मूल कार्यकर्ता सिर्फ दरी फट्टी बिछाने और उठाने तक ही सीमित रहेगा? यदि इसी तरह आयातित नेताओ को पार्टी टिकिट देगी तो फिर दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओ का वजूद सिर्फ जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे तक ही सीमित हो जाएगा, यही सोचकर नाराज भाजपाई एकजुट होने लगे हैं।
सूत्रों की माने तो भारतीय जनता पार्टी के स्थापित नेताओं ने लगातार बैठक करना भी शुरू कर दिया है। भाजपा के मूल कार्यकर्ता की नाराजगी से ऐसा लगता है कि वह  2018 की तरह 2023 में  किसी भी कीमत में समझौता करने के मूड में नजर नहीं आ रहे। वैसे यदि भाजपा के मूल कार्यकर्ता की इसी तरह नाराजगी बने रही तो दिनेश राय मुनमुन के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहेगा क्योंकि भाजपा की सबसे बड़ी ताकत ईमानदार और निष्ठावान कार्यकर्ता ही रही है और यदि वही नाराज होकर घर बैठ जाएंगे तो श्री राय अपनी निजी टीम के सहारे मैदान में मजबूत नहीं हो पाएंगे।
नाराज नेताओ से मिलने पहुंचे मुनमुन
05 साल पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने वाले दिनेश राय मुनमुन को 5 साल के भीतर पार्टी ने दो बार टिकट दे दिया जिसके बाद पार्टी के कई स्थापित नेता नाराज हो गये जिनकी नाराजगी दिनेश राय मुनमुन के स्वागत कार्यक्रम के दौरान भी दिखाई दी। जब टिकट मिलने के बाद दिनेश राय मुनमुन का स्वागत कार्यक्रम जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित किया गया तब भारतीय जनता पार्टी के चंद नेताओं के अलावा बाकी नेताओं ने दूरियां बना लिया था जिसे भांपते हुए गत दिवस दिनेश राय मुनमुन ने नाराज नेताओं के घर जाना शुरू कर दिया लेकिन कई नेता घर में नहीं मिले। बताया जाता है कि नाराज नेताओं की टीम एक जगह बैठी हुई थी तब दिनेश राय मुनमुन वहां पहुंच गए जहां दिनेश राय मुनमुन के समर्थकों ने उनकी फोटो ले लिया और सोशल मीडिया में वायरल कर यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी लोग दिनेश राय मुनमुन के साथ है लेकिन सूत्रों की माने तो जो नेता दिनेश राय मुनमुन से नाराज है उन्होंने उक्त फोटो वायरल होने के बाद अपनी नाराजगी भी जाहिर किया। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नाराज स्थापित नेता किसी भी कीमत में समझौता करने के मूड में नजर नहीं आ रहे, नाराज नेताओं का अगला कदम क्या होगा यह तो समय बताएगा लेकिन वर्तमान में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के भीतर मूल भाजपा और आयातित भाजपा को लेकर माहौल बन रहा है वह भारतीय जनता पार्टी के लिए घातक हो सकता है।